A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
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[BuddhiHeena=with out intelligence; tanu=overall body, person; jaanike=figuring out; sumirau=remembder; pavanakumar=son of wind god, Hanuman; Bal=energy; Buddhi=intelligence; Bidya=understanding; dehu=give; harahu=take out, obvious; kalesa=ailments; bikara=imperfections]
lāyaLāyaBrought sanjīvaniSanjīvaniA everyday living LakhanaLakhanaLakshman, brother of Lord Rama jiyāeJiyāeSaved / revived
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥१९॥ दुर्गम काज जगत के जेते ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार आप द्रोणाचल पर्वत पर गये, अनेक व्यवधानों एवं कष्टों के बाद भी समय के भीतर ही संजीवनी बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। विशेष स्नेह और प्रसन्नता के कारण ही किसी को हृदय से लगाया जाता है। अंश की पूर्ण परिणति अंशी से मिलने पर ही होती है, जिसे श्री हनुमन्तलाल जी ने चरितार्थ किया।
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लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु ।
A lot of courtroom officials, perplexed, were being angered by this act. Hanuman replied that in lieu of needing a gift to keep in mind Rama, he would often be in his heart. Some courtroom officials, nonetheless upset, asked him for evidence, and Hanuman tore open up his upper body, which experienced an image of Rama and Sita on his heart.
Rama would be the king of all, he is the king of yogis. You managed all his tasks, or in other translation, He whoever takes refuge in Rama you'll take care of all their jobs.
बिकट रूप धरि लङ्क जरावा ॥९॥ भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से here सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।
ShreeguruShreeguruDivine Guru/Instructor charanaCharanafeet sarojaSarojalotus flower rajarajadust/pollen nijanijaown/mine manamanaheart/mind mukuramukuramirror sudhaarisudhaaripurify/cleanse
सियराम–सरूपु अगाध अनूप बिलोचन–मीननको जलु है।
Acquiring polished the mirror of my heart Along with the dust of my Guru’s lotus ft, I recite the divine fame of the greatest king with the Raghukul dynasty, which bestows us with the fruit of all four endeavours.
व्याख्या – श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेने पर सभी प्रकार के दैहिक, दैविक, भौतिक भय समाप्त हो जाते हैं तथा तीनों प्रकार के आधिदैविक, आधिभौतिक एवं आध्यात्मिक सुख सुलभ हो जाते हैं।